धर्मशाला उपचुनाव के लिए लगाई गई थी ड्यूटी, मगर पच्छाद के खराब हालातों को लेकर छोटे फील्ड मार्शल रजत को भेजा गया था राजगढ़
HNN News/ पच्छाद
पर्दे के पीछे से खेली गई सियासत में खेली गई राजनीती को अगर समय पर न भांप लिया जाता तो पच्छाद में निश्चित ही भाजपा बुरी तरह से हार जाती। एक ओर जहां हाई कमान ने खराब हुई स्तिथी के मध्यनजर IPH मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर सहित कई दिग्गजों को पच्छाद में झोंक दिया था तो वहीं इस खराब हुई स्तिथी में सबसे ज्यादा भाजपा युवा मोर्चा नाराज हुआ था।
भाजपा युवा मोर्चा के आशीष सिक्टा ने पार्टी से बगावत भी कर दी थी और आजाद प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरने की ठान ली थी। इसकी मुख्य वजह यह भी है कि आशीष को एक विशेष राजनितिक रणनीति के तहत मोहरा बनाकर केवल इस्तेमाल किया गया था और उसे टिकट का आश्वासन दिया गया था। गिरिपार क्षेत्र में इस बात की भी गारंटी मानी जा रही थी कि सिक्टा को ही टिकट मिलेगा।

मगर, टिकट मिला रीना कश्यप को इस चहरे को करीब 45 फीसदी पच्छाद पहचानता भी नही था। तो वहीं, पर्दे के पीछे से खेले गए खेल में संगठन को बाँटने की कोशिश भी की गई। जिसके बाद पूरी स्तिथी को बड़ी गंभीरता से समझते हुए भाजपा हाई कमान ने विशेष रणनीतियां तैयार करते हुए विश्वास पात्रों को पच्छाद में भेज दिया था। जिसमे एक नाम मुख्य रूप से आता है वो है भाजपा युवा मोर्चा के महामंत्री रजत ठाकुर का। एक ओर तो जहां आशीष सिक्टा को बामुश्किल चुनाव मैदान से हटाया गया तो युवा मोर्चा इसको लेकर भी काफी नाराजगी व्यक्त कर रहा था।

दोनों तरफ का युवा मोर्चा का कार्यकर्त्ता व पदाधिकारी अंदर खाते भाजपा की ही बगावती महिला प्रत्याशी की तरफ झुक गया था। बस यही वजह थी कि इस स्तिथी से निपटने के लिए संगठन के द्वारा रजत ठाकुर की ड्यूटी को कैंसिल करते हुए उन्हें पच्छाद मैदान में उतार दिया गया। इस विस क्षेत्र का शायद ही कोई गांव या क़स्बा ऐसा होगा जहां रजत ठाकुर ने बड़े ही कम समय में मीटिंग ना ली हो।

एक तरफ पिता महेंद्र सिंह ठाकुर तो दूसरी तरफ बेटा रजत ठाकुर पार्टी की शाख बचाने के लिए मैदान में डट गए। गिरिआर और गिरिपार के तमाम युवाओं को एकजुट करते हुए रीना कश्यप को जीत दिलाने में कामियाबी भी हासिल की है। बड़ी बात तो यह है कि रजत ठाकुर बड़े ही कम समय में इस क्षेत्र में लोकप्रिय युवा नेता के रूप में उभर कर सामने आए है। नाराज वर्ग को मनाने में रजत ने अपने पिता को भी पीछे छोड़ दिया था।

जबकि, मैदान दिग्गज मंत्री व पदाधिकारी भी उतरे हुए थे रजत ने सबके साथ सामंजस्य बनाते हुए उनके मान सम्मान को ऊपर रखते हुए युवा मोर्चा सहित नाराज लोगों को मानाने में कामियाबी हासिल की है। कहा जा सकता है कि अनुराग ठाकुर के बाद प्रदेश में रजत ठाकुर सबसे दमदार युवा नेता बनकर उभरा है ऊपर उसने खुद को इस चुनाव में साबित भी कर दिखाया है। उन्होंने रीना कश्यप की जीत की लिए पच्छाद की जनता को बधाई भी दी है।