प्रदेश के किसानों ने किसान विरोधी बिल का किया समर्थन, मगर जयराम सरकार से हैं संतुष्ट
HNN / पांवटा साहिब
पिछले करीब एक माह से पांवटा साहिब के हरिपुर टोहाना में किसान महापंचायत के आयोजन को लेकर की जा रही तैयारियों के बावजूद प्रदेश के किसानों ने आयोजित महापंचायत में कोई खास रूचि नहीं दिखाई। हालांकि इस महापंचायत में राकेश टिकैत, गुनाम सिंह चड़ूनी, चरणजीत सिंह, जसविंद्र सिंह, हरप्रीत सिंह खालसा जैसे राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने वाले किसान नेताओं ने कार्यक्रम में शिरकत की।
बावजूद इसके इन नेताओं का कृषि बिल कि खिलाफ कम बल्कि मोदी सरकार के खिलाफ ज्यादा मोर्चा खोला गया। जानकारी तो यह है कि इसमें जहां संयुक्त किसान मोर्चा के अलावा अन्य वाम संगठन ने प्रमुख रूप से शिरकत की, मगर वहीं किसान महापंचायत की आढ़ में गुटबाजी में बटी पांवटा साहिब कांग्रेस अपनी राजनीति चमका रही थी।
लिहाजा महापंचायत का मौका ही सही मगर कथित नेता का चेहरा महापंचायत को लेकर चर्चा में जरूर आ गया है। वही, बलदेव भंडारी ने कहा कि पांवटा साहिब और कालाअंब में प्रदेश सरकार के द्वारा पहले ही एमएसपी पर गेंहू और धान खरीदने के लिए हर तरह की व्यवस्था रखी गई है। यही नहीं किसानों की बिकने वाली हर फसल का पैसा भी तुरंत ऑनलाइन उनके खाते में डलवा दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि 2022 को लेकर प्रदेश की कांग्रेस पहले ही हताश और छटपटाहट में है। ऐसे में अन्य दलों का सहारा लेकर किसानों के कंधे पर बंदूक रख वह 2022 में जीत के सपने देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में मोदी सरकार तो प्रदेश में जयराम सरकार किसानों की हर समस्या को लेकर लगातार प्रयास कर रही है। बुधवार को आयोजित हुए महापंचायत कार्यक्रम में जितनी भीड़ की आंशका जताई जा रही थी, उसका एक तिहाई भी नहीं जुट पाया।