एचपीयू के रक्षा अध्ययन विभाग को जनरल बिपिन रावत के नाम पर करने की उठी मांग

HNN/ शिमला

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने आज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार को ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में विद्यार्थी परिषद ने मांग उठाई है कि विश्वविद्यालय के रक्षा अध्ययन विभाग का नाम हाल ही में एक दुखद हेलीकाप्टर दुर्घटना में वीरगति को प्राप्त हुए देश के पहले चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ जनरल बिपिन रावत के नाम पर होना चाहिए।

इकाई सचिव कमलेश ठाकुर ने कहा कि चीन और पाकिस्‍तान जैसे नापाक इरादे वाले पड़ोसियों से देश की सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती के बीच भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत एक भरोसे का नाम था। बिपिन रावत थल सेना, एयरफोर्स और नौसेना के बीच बेहतर तालमेल और तीनों सेनाओं के अपग्रेडशन के कार्य में लगे थे। कम समय में ही उन्‍होंने भारत की सैन्‍य तैयारियों को दुश्‍मनों से मुकाबले के लिए नई बुलंदियों पर पहुँचाया।

उन्होंने पूर्वोत्तर में आतंकवाद को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसमें उनके करियर का एक मुख्य आकर्षण म्यांमार में 2015 का सीमा पार ऑपरेशन था, जिसमें भारतीय सेना ने मयंमार में घुसकर कई आतंकियों को मौत के घाट उतारा था। जनरल रावत 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक की योजना का भी हिस्सा थे जिसमें भारतीय सेना नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चली गई थी और एक सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया था।

अपनी 4 दशकों की सेवा के दौरान जनरल रावत को कई सैन्य सम्मानों से भी अलंकृत किया गया था। कमलेश ठाकुर ने कहा कि जनरल रावत का सारा जीवन ही देश की सेवा करते हुए बीता। उनके असामयिक निधन से देश को अपूरणीय क्षति हुई है। भारत माता के सच्चे सपूत जनरल बिपिन रावत सेना के आधुनिकीकरण के लिए हमेशा याद किए जाएंगे। इसीलिए विद्यार्थी परिषद मांग करती है कि एचपीयू के रक्षा अध्ययन विभाग का नाम जनरल विपिन रावत के नाम पर किया जाए ताकि हम हर पल उनके जीवन से प्रेरणा लेते रहे।


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