एमसी ऊना, मैहतपुर और संतोषगढ़ में पटाखों की बिक्री के लिए खुले मैदान किए चिन्हित

HNN/ ऊना वीरेंद्र बन्याल

आगामी दशहरा व दीपावली उत्सवों के दौरान केवल ग्रीन पटाखों के ही भंडारण, बिक्री व इस्तेमाल की अनुमति होगी। साधारण पटाखों का भंडारण व विक्रय पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा और ऐसे पटाखे बेचने वाले विक्रेताओं के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। उपमंडल ऊना के तहत त्यौहारी सीज़न के दौरान इन नियमों को सख्ती से लागू करने और निगरानी के लिए एसडीएम ऊना डाॅ निधि पटेल की पुलिस, अग्निशमन सहित अन्य विभागों को साथ बैठक आयोजित की गई।

उन्होंने कहा कि एसडीएम कार्यालय से लाइसेंस प्राप्त किए बिना किसी भी व्यक्ति द्वारा पटाखों का स्टॉक व बिक्री नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि पटाखों की बिक्री के लिए नगर परिषद ऊना में एमसी पार्क के सामने वाले खुले क्षेत्र, नप मैहतपुर-बसदेहड़ा में एमसी हाॅल के सामने खुले मैदान और नप संतोषगढ़ में रामलीला मैदान को चिन्हित किया गया है। उन्होंने कहा कि दीवाली व गुरूपूर्व जैसे त्यौहारों पर रात्रि 8 बजे से 10 बजे के बीच तथा क्रिसमस व नववर्ष के दौरान रात्रि 11ः55 से 12ः30 बजे के बीच ही पटाखों के प्रयोग की अनुमति रहेगी।

डाॅ निधि पटेल ने कहा कि पटाखों को अग्रिरोधक सामग्री से बनी अलग शैड में रखना होगा, जहां कोई अनाधिकृत व्यक्ति न जा सके। पटाखों की शैड और विक्रय करने का स्थान एक दूसरे से कम से कम तीन मीटर की दूरी पर हो। शैड का मुख एक दूसरे की ओर नहीं होना चाहिए। पटाखा शैड में तेल के दीपक, गैस लैंप इत्यादि ज्वलनशील चीजों का प्रयोग न करें, केवल बिजली की रोशनी का प्रयोग करें।

एक जगह पर 50 से अधिक पटाखा दुकानें नहीं होगी। अस्थाई तौर पर स्थापित किए जाने वाले पटाखा बिक्री स्टॉल दुकान अथवा शेड में सभी प्रकार की सावधानियां बरतनी होंगी ताकि कोई अनहोनी न हो। उन्होंने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए दुकान में पर्याप्त पानी रखना होगा। पटाखा दुकानें, सड़क व बिजली के पोल से कम से कम छह मीटर की दूरी पर हों।

आतिशबाजी व पटाखों की बिक्री करने से पहले अपने नजदीकी अग्निशमन अधिकारी से परामर्श लेकर सुरक्षित स्थान का चयन करें। आतिशबाजी के प्रदर्शन के लिए दुकान की खिड़की का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। आतिशबाजी व पटाखों को अग्रिरोधक गोदाम में ही रखा जाएगा। उन्होंने पुलिस विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि विभाग द्वारा यह सुनिश्चित किया जाए कि केवल निर्धारित समय और स्थान पर ही आतिशबाजी व पटाखों का प्रयोग हो।


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