डीसी ने निर्माणाधीन आंचलिक पशु चिकित्सालय और मुर्राह प्रजनन फार्म का किया निरीक्षण

HNN/ ऊना वीरेंद्र बन्याल

उपायुक्त, ऊना राघव शर्मा ने पशुपालन विभाग के तहत निर्माणाधीन विकास कार्यों का निरीक्षण किया और विभागीय अधिकारियों को निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। इस दौरान बरनोह में बन रहे आंचलिक पशु चिकित्सालय और मुर्राह प्रजनन फार्म का निरीक्षण करते हुए डीसी राघव शर्मा ने बताया कि पशुपालन विभाग की इन परियोजनाओं के पूर्ण होने से कृषकों और पशुपालकों को घर द्वार पर बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी। उन्होंने बताया कि देश में अब तक 8 स्थानों पर मुर्राह प्रजनन फार्म की सुविधा प्रदान की जा रही है और जिला ऊना देश का ऐसा नौवां स्थान है जहां पशुपालकों कोे यह सुविधा प्रदान की जाएगी।

यह प्रदेश और जिला के लिए बड़े गर्व की बात हैं। उन्होंने बताया कि 5.06 करोड़ रुपये की राशि से तैयार किए जाने वाले मुर्राह प्रजनन फार्म की चारदीवारी का कार्य 1.36 करोड़ व्यय करके पूर्ण कर लिया गया है जबकि भवन निर्माण के लिए 2.84 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हो चुकी है। भवन निर्माण के लिए टैंडर का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने अधिकारियों को सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए ताकि निर्धारित समयावधि में निर्माण पूर्ण करके जनता को समर्पित किया जा सके। उन्होंने बताया कि जोनल पशु चिकित्सालय 4.93 करोड़ रुपये से बनेगा जिसमें से 1.18 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हो चुकी है और भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

उन्होंने बताया कि आंचलिक पशु अस्पताल का निर्माण आगामी मार्च-अप्रैल तक पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के पूर्ण होने से जहां कृषकों और पशुपालकों को अपने पशुधन का उपचार करवाने की सुविधा मिलेगी वहीं जिला सहित पूरे प्रदेश को मुर्राह प्रजनन फार्म में कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा प्राप्त होगी। इस अवसर पर डीसी ने समूरकलां में गौशाला का निरीक्षण भी किया और संचालकों के साथ बातचीत करके उनकी समस्यों को जाना और निवारण के लिए प्रशासन के हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।

वर्तमान में 57 गौवंश को आसरा दे रही पशुशाला की क्षमता को 100 से अधिक करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए संचालकों द्वारा अतिरिक्त भूमि और शैड का आवश्यकता की मांग पर डीसी ने शैड के निर्माण के लिए 15 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की। उन्होंने आश्वासन दिया कि अतिक्ति भूमि और चारदीवारी के लिए भी विभागीय अधिकारियों के साथ चर्चा करके आवश्यक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।


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