13 साल से हो रहा था मेरी बहन का मानसिक व शारीरिक शोषण: वरूण

 ससुरालियों ने नहीं की थी शव की शिनाख्त, सास ससुर हैं फरार 

HNN/ नालागढ़

नालागढ़ की वंदना का शव पंजाब की पटियाला नहर में मिलने के बाद बुधवार को ऊना से मृतिका के परिवार पक्ष ने ससुरालियों पर गंभीर आरोप जड़े। मृतक वंदना के भाई वरूण केडिया व नेहा केडिया ने कहा कि समाज में नाक बचाने की हमारी सोच ने हमसें वंदना को छीन लिया। वरूण ने बताया कि वर्ष 2008 में वंदना की शादी के बाद ही इसके पति व ससुरालियों ने इसे प्रताडि़त करना शुरू कर दिया था।

वंदना के दो बच्चे और उसकी दैनिक जरूरतों को माता पिता पिछले कई सालों से पूरा कर रहे थे। दोनों बच्चों की डिलवरी से लेकर उसकी चिकित्सा जरूरतों का निर्वहन परिवार कर रह था।  वंदना के ससुराल वाले उसे बार बार बच्चों को लेकर नालागढ़ से चले जाने को कहते थे और बेटे की दूसरी शादी करने की बात करत थे। 14 नवंबर को ससुराल पक्ष ने उसकी गुमशुदा होने की जानकारी दी। हमारे बार बार बोलने के बाद ही वंदना के पति ने नालागढ़ गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई, लेकिन उसकी तलाश करने में कोई सहयोग नहीं दिया।

वरूण ने बताया कि बच्चों से उन्हें पता चला कि पिछली रात वंदना के पति ने उससे मारपीट भी की थी। वंदना की तलाश में माता पिता व उसने पूरी ताकत झोंक दी लेकिन ससुराल पक्ष ने कोई सहयोग तक नहीं किया। पटियाला नहर में वंदना का शव मिलने के बाद ससुरालियों ने उसकी शिनाख्त तक नहीं की। यह लोग बार बार बोलते रहे यह वंदना का शव नहीं है। उसके हाथ में डाले कड़े और अन्य सामान को ससुराल पक्ष ने पहचानने से इंकार कर दिया।

वरूण ने कहा कि उन्हें कानून व्यवस्था पर पूरा भरोसा है और नालागढ़ पुलिस इस मामले में पूरी ईमानदारी से जांच कर रही है। लेकिन आज उनका नालागढ़ आने का मकसद सिर्फ इतना था कि लोगों को इस परिवार की असलियत पता चल सके। उसकी गुमशुदगी के बाद भी ससुराल वाले कहते रहे कि उसे डेंगू हुआ है और वह अपने भाई के पास है। वरूण ने रूंधे स्वर में कहा कि अगर वह लोग शुरूआत में ही प्रताडऩा को लेकर समाज का डर छोडक़र पुलिस व कानून का सहारा लेते तो आज यह दिन न देखना पड़ता। उन्होंने समाज से भी अपील की है कि वह ऐसे मामलों में लोकलाज को किनारे करके प्रताडऩा का विरोध करें।