33 वर्ष बीत जाने के बाद भी सब तहसील जुन्गा का दर्जा नहीं बढ़ पाया

HNN / शिमला

33 वर्ष बीत जाने के बाद भी उप तहसील जुन्गा का दर्जा नहीं बढ़ पाया है, जिसके चलते जुन्गा क्षेत्र की 12 पंचायतों के लोगों को अनेकों बार राजस्व संबधी मामलों के लिए शिमला जाना पड़ता है। इस क्षेत्र के लोगों द्वारा बीते कई वर्षों से लगातार जुन्गा को तहसील का दर्जा दिए जाने की मांग की जाती रही है। बीते वर्ष 10 नवंबर को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जुन्गा प्रवास आए थे। इस दौरान कसुंपटी निर्वाचन क्षेत्र के तीन दिग्गज भाजपा नेताओं द्वारा उप तहसील का दर्जा बढ़ाए जाने बारे मुददा प्रमुखता से उठाया गया था।

जिस पर सीएम द्वारा सब तहसील का दर्जा बढ़ाए जाने बारे आश्वासन दिया गया था परंतु एक वर्ष बीत जाने पर भी सरकार द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। बता दें कि वर्ष 1988 के दौरान क्षेत्र के लोगों की समस्या को देखते हुए पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह द्वारा जुन्गा में उप तहसील खोली की गई थी ताकि इस क्षेत्र की 12 पंचायतों के लोगों को राजस्व संबधी  कार्यों  के लिए शिमला न जाना पड़े। किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. कुलदीप तंवर ने बताया कि कसुंपटी निर्वाचन क्षेत्र बीते कई वर्षों से राजनैतिक उपेक्षा का शिकार होने से लावारिस की भांति पड़ा है जिसकी कोई भी सुध नहीं ले रहा है।

इनका कहना है कि तहसील को दर्जा देने से सरकारी खजाने पर कोई ज्यादा बोझ पड़ने वाला नहीं है। परंतु कसुंपटी निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के साथ हमेशा भी भेदभाव होता रहा है। दूसरी ओर इस निर्वाचन क्षेत्र मेें बीते 20 वर्षों से कांग्रेस का लगातार प्रतिनिधित्व रहा है इसके  बावजूद भी शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़कों, पेयजल व सिंचाई योजनाओं के लिए इस निर्वाचन क्षेत्र के लोग तरस रहे हैं।  डॉ. तंवर ने बताया कि उप चुनाव से पहले सीएम द्वारा जुब्बल-कोटखाई के लोगों को खुश करने के लिए दो एसडीएम और एक विकास खंड कार्यालय स्वीकृत कर दिया जबकि उपचुनाव में नतीजा इसके विपरीत रहा।

डॉ. तंवर का कहना है कि वर्तमान में जुन्गा कस्बा की आबादी करीब चार हजार से अधिक हो चुकी है परंतु इसके सुनियोजित विकास के लिए जुन्गा को शहरी निकाय का दर्जा आजतक नहीं मिल सका। इस बारे भी लोगों की मांग को सीएम नजरअंदाज कर गए थे। डॉ. तंवर ने सरकार से मांग की है कि आमजन की सुविधा को देखते हुए उप तहसील जुन्गा का दर्जा बढ़ाकर तहसील तथा जुन्गा शहर को नगर पंचायत बना दिया जाए।


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