बेमौसमी बारिश से घटा मटर उत्पादन, किसान चिंतित

HNN/ संगड़ाह

संगड़ाह के नौहराधार, गत्ताधार, हरिपुरधार, ठीरधार, अंधेरी व शिवपुर तथा राजगढ़ व शिलाई खंड के ऊपरी हिस्सों की प्रमुख नगदी फसल बरसाती मटर की पैदावार इस बार गत वर्ष के मुकाबले बहुत कम हुई है। सितंबर के बाद अक्तूबर में भी भारी बारिश से सिरमौर में मटर की आधी फसल बर्बाद हो गई है। इन दिनों मंडियों में बहुत कम फसल पंहुच रही है, जबकि गत वर्ष दीपावली से पहले हर रोज भारी मात्रा मे बेमौसमी अथवा बरसाती मटर की बोरियां पंहुच रही थी।

बता दें कि, मटर ही वर्ष की अंतिम नगदी फसल होती है, जिससे किसान फेस्टिव सीजन अथवा दीपावली की खरीदारी करते हैं। इससे पहले किसान लहसुन के वाजिव दाम न मिलने से दुखी थे और अब मटर ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया। जिन किसान परिवारों के घर के सदस्य नौकरी अथवा व्यापार नही करते, मंहगाई की मार के चलते उनके लिए दीपावली का खर्चा करना मुश्किल हो गया है।

क्षेत्र के किसान मोहनलाल, कपिल ठाकुर, अशोक, संजय, राजेश, सुरेंद्र व कमलराज आदि ने बताया कि, उन्होंने मटर का बीज 250 से 300 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदा मगर लगातार बारिश ने सारी मेहनत पर पानी फेर दिया। स्थानीय व्यापारियों अथवा आढ़तियों द्वारा हालांकि मटर गत वर्ष से ज्यादा 80 से 90 रुपये प्रति किलो तक खरीदा जा रहा है, मगर उत्पादन कम होने से किसान मायूस है। मात्र 60 दिनों के भीतर यह मटर की फसल तैयार हो जाती है।


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