मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए कांग्रेस ने फेंका ब्रह्मास्त्र- एन के पन्डित

HNN / शिमला

कांग्रेस हाईकमान ने मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए अपना ब्रह्मास्त्र फेंक दिया है ये कहना है राहुल -प्रियंका गाँधी सेना प्रदेश सह मीडिया इंचार्ज कांग्रेस और राजीव गाँधी पंचायती राज सगंठन जिला मीडिया प्रभारी कांग्रेस एन. के. पन्डित का। उन्होंने पंजाब के नए मुख्यमन्त्री चरण जीत सिंह चन्नी को मुख्यमन्त्री बनने पर अपनी और हिमाचल कांग्रेस पार्टी की ओर से बधाई सन्देश देते हुए उनके सुनहरे भविष्य की कामना की है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस हाईकमान ने चौकाने वाला निर्णय लेकर एक दलित चेहरे को मुख्यमन्त्री, सुखविंदर सिंह रंधावा को सिख और ओम प्रकाश सोनी को हिन्दू डिप्टी सीएम बनाकर दलित, हिन्दू और सिख के चेहरे को आगे करके एक नया इतिहास रचा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हाईकमान ने दलित चेहरे को पंजाब की कमान सौंप कर अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी से अहम मुद्दा छीनकर चारों खानो को चित किया है तथा बीजेपी और आम आदमी पार्टी को भी नसीहत का पाठ पढ़ाकर सोचने पर मजबूर किया है।

पन्डित ने कहा कि 16 राज्यों के विधान सभा चुनाव तय करेंगे कि 2024 में आखिर ऊँट किस करवट बैठेगा। उन्होंने कहा कि किसी दलित व्यक्ति को मुख्यमन्त्री बनाकर कांग्रेस ने इतिहास के पन्नों पर अपना नाम दर्ज करवा दिया है और अन्य विरोधी राजनीतिक दलों को नई पिच पर खेलने के लिये कड़ा सन्देश दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा महँगाई के नाम पर आखिर चुप क्यों है। भाजपा जनता को बताये कि क्यों बढ़ रही है महँगाई और बेरोजगारी ?

एन के पन्डित ने हिमाचल की भाजपा सरकार से पूछा है कि मुख्यमन्त्री जी बताएं कि प्रदेश की हज़ारों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के करोड़ों रुपये पर विभाग ने आखिर क्यों कुंडली मारकर बैठा हुआ है। क्योंकि स्वस्थ्य विभाग के अंतर्गत चलाये गए राष्ट्रीय स्वस्थ्य मिशन के अंतर्गत टीकाकरण के कार्य में प्रदेश की हज़ारों आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी सेवाएं दी है। पन्डित ने कहा कि इस मुद्दे को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भी गंभीरता से लें।

उन्होंने कहा कि विपक्ष को कमजोर ना समझकर मुख्यमन्त्री अपने काम पर ध्यान दे। उन्होंने कहा कि हर मंच से मुख्यमन्त्री का विपक्ष को कोसना उचित नहीं है। विपक्ष की इज्जत करना सीखे हिमाचल सरकार, क्योंकि विपक्ष कमजोर नहीं मजबूत है और वैसे भी अब जय राम जी को खुद विपक्ष में ही तो बैठना है पर लगता है विपक्ष में बैठ कर भी मुख्यमन्त्री को उड़नखटोले की बहुत याद आएगी।


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