उठने लगी रोजगार-कारोबार के लिए हिमाचल आने वाले पंजाबियों को रोकने की मांग

HNN / बीबीएन

हिमाचल में धान की फसल की खरीद न होने और पंजाब व हरियाणा में हिमाचल के धान से लदे ट्रैक्टर रोकने और पुलिस कार्रवाई से किसान खफा हैं। एक तरफ हिमाचल सरकार अभी तक अनाज मंडियों में धान की फसल को खरीदने की व्यवस्था नहीं कर पाई है। वहीं दूसरी और पंजाब व हरियाणा की सीमा से सटे हिमाचल के किसान जब धान की फसल लेकर पंजाब व हरियाणा की मंडियों में जा रहे हैं तो रास्ते में लोगों द्वारा उनके साथ बुरा बर्ताव करते हुए उनके ट्रैक्टर रोके जा रहे हैं।

इतना ही नहीं पंजाब की मंडियों के प्रबंधकों ने पंजाब पुलिस को बुलाकर हिमाचल के किसानों के ट्रैक्टर तक जब्त करवा दिए और उन पर कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। जिससे हिमाचल के किसानों में रोष बढ़ता जा रहा है और धान की फसल को लेकर पंजाब और हिमाचल में तलवारें खिंचती नजर आ रही हैं।
वहीं अब पंजाब मंडी प्रबंधकों व पंजाब पुलिस की कार्रवाई से खफा किसानों ने अब हिमाचल के सीमावर्ती इलाकों और औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में रोजगार व कारोबार के लिए आने वाले पंजाबियों को रोकने की मांग उठाने लगी है।

प्रदेश का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ पंजाब और हरियाणा की सीमा से सटा है। यहां पर रोजाना पंजाब और हरियाणा के लोग रोजगार-कारोबार के लिए हिमाचल आते हैं, जबकि बीबीएन के अधिकतर उद्योगों में पंजाब की बसें और टैक्सियां लगी हैं। इतना ही नहीं पंजाब के कई कारोबारी बीबीएन के उद्योगों में उत्पाद बेच रहे हैं और स्कै्रप व सप्लाई का कारोबार कर रहे हैं। ऐसे में पंजाब के लोगों द्वारा हिमाचल के किसानों के धान से लदे ट्रैक्टरो को रोकने तथा मंडियों के प्रबंधकों व पुलिस की कार्रवाई और ट्रैक्टर जब्त किए जाने के बाद किसानों ने पंजाबियों को रोजगार और कारोबार के हिमाचल प्रवेश को रोकने की मांग उठाई है।

किसान नेताओं का कहना है कि एक तो पहले ही केंद्र और प्रदेश सरकार के रवैये से किसान खफा है। ऊपर से उनकी 6 महीने की कड़ी मेहनत के बाद उगाई धान की फसल बर्बाद होने की कगार पर है। ऐसे में अगर पंजाब और हरियाणा में किसानों को फसल बेचने से रोका जा रहा है तो पंजाबियों को भी हिमाचल में रोगजार और कारोबार करने का कोई हक नहीं है। किसान नेताओं और किसानों ने अब पंजाबियों को हिमाचल में आने से रोकने पर रणनीति बनानी शुरू कर दी है। किसान नेताओं का कहना है कि अगर पंजाब और हरियाणा ने किसानों के लिए सील किए गए बार्डरों को नहीं खोला तो उन्हें भी अब हिमाचल के सीमावर्ती इलाकों और औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में आने वाले पंजाबियों को रोकना पड़ेगा।

अगर हिमाचल के किसानों के साथ ऐसा सलूख किया जा रहा है तो फिर पंजाब व हरियाणा वालों को भी उनके सलूख पर सबक सिखाना जरूरी है। ऐसे में अब धान की फसल खरीद को लेकर पंजाब और हिमाचल में तलवारें खिंचना तय है। अगर हिमाचल सरकार ने फसल खरीद को लेकर जल्द कदम नहीं उठाए तो यह विवाद हिमाचल के साथ साथ पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा के लिए परेशानी का सबब बन जाएगा।